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Tag - बुध गोचरफल

Mercury Transits Libra on November 2, 2021 | बुध गोचरफल November 2, 2021

बुध गोचरफल November 2,2021: तुला (Tula) राशि गोचर के फल कहने के लिए चंद्र लग्न को प्रधान मान कर यह देखना चाहिये कि चंद्र लग्न से वर्तमान में ग्रह कहां-कहां गोचर कर रहे हैं। जन्म पत्रिका में चंद्रमा जिस राशि में स्थित है उस राशि को लग्न में रखकर जो पत्रिका बनती है वह चंद्र जन्म पत्रिका होती है। सही फलादेश करने के लिए जन्म पत्रिका की विवेचना लग्न, चंद्र तथा सूर्य के अनुसार जन्म पत्रिका में करना चाहिये। गोचर का स्वरूप और उसका आधार आकाश में स्थित ग्रह अपने मार्ग पर अपनी गतिनुसार भ्रमण करते हैं। इस भ्रमण के दौरान वे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। जन्म समय में ये ग्रह जिस राशि में पाए जाते हैं वह राशि उनकी जन्मकालीन अवस्था कहलाती है। जन्म पत्रिका इसी आधार पर बनाई जाती है। किंतु जन्म समय की स्थिति तो उस जातक का रूप, बनावट, भाग्य इत्यादि निर्धारित करती [...]

बुध गोचरफल AUGUST 26, 2021: कन्या (Kanya) राशि

गोचर के फल कहने के लिए चंद्र लग्न को प्रधान मान कर यह देखना चाहिये कि चंद्र लग्न से वर्तमान में ग्रह कहां-कहां गोचर कर रहे हैं। जन्म पत्रिका में चंद्रमा जिस राशि में स्थित है उस राशि को लग्न में रखकर जो पत्रिका बनती है वह चंद्र जन्म पत्रिका होती है। सही फलादेश करने के लिए जन्म पत्रिका की विवेचना लग्न, चंद्र तथा सूर्य के अनुसार जन्म पत्रिका में करना चाहिये।   गोचर का स्वरूप और उसका आधार आकाश में स्थित ग्रह अपने मार्ग पर अपनी गतिनुसार भ्रमण करते हैं। इस भ्रमण के दौरान वे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। जन्म समय में ये ग्रह जिस राशि में पाए जाते हैं वह राशि उनकी जन्मकालीन अवस्था कहलाती है। जन्म पत्रिका इसी आधार पर बनाई जाती है। किंतु जन्म समय की स्थिति तो उस जातक का रूप, बनावट, भाग्य इत्यादि निर्धारित करती है। जन्म पत्रिका स्थिर होती है [...]

बुध गोचरफल May 26, 2021 2021: मिथुन (Mithun) राशि

गोचर के फल कहने के लिए चंद्र लग्न को प्रधान मान कर यह देखना चाहिये कि चंद्र लग्न से वर्तमान में ग्रह कहां-कहां गोचर कर रहे हैं। जन्म पत्रिका में चंद्रमा जिस राशि में स्थित है उस राशि को लग्न में रखकर जो पत्रिका बनती है वह चंद्र जन्म पत्रिका होती है। सही फलादेश करने के लिए जन्म पत्रिका की विवेचना लग्न, चंद्र तथा सूर्य के अनुसार जन्म पत्रिका में करना चाहिये।   गोचर का स्वरूप और उसका आधार आकाश में स्थित ग्रह अपने मार्ग पर अपनी गतिनुसार भ्रमण करते हैं। इस भ्रमण के दौरान वे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। जन्म समय में ये ग्रह जिस राशि में पाए जाते हैं वह राशि उनकी जन्मकालीन अवस्था कहलाती है। जन्म पत्रिका इसी आधार पर बनाई जाती है। किंतु जन्म समय की स्थिति तो उस जातक का रूप, बनावट, भाग्य इत्यादि निर्धारित करती है। जन्म पत्रिका स्थिर होती है [...]

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