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Mercury Transits Sagittarius on December 10, 2021 | Mercury transit December 2021

mercury enters saggitarius
Post Date: December 6, 2021

Mercury Transits Sagittarius on December 10, 2021 | Mercury transit December 2021

बुध गोचरफल December 10, 2021: धनु (Dhanu) राशि

गोचर के फल कहने के लिए चंद्र लग्न को प्रधान मान कर यह देखना चाहिये कि चंद्र लग्न से वर्तमान में ग्रह कहां-कहां गोचर कर रहे हैं। जन्म पत्रिका में चंद्रमा जिस राशि में स्थित है उस राशि को लग्न में रखकर जो पत्रिका बनती है वह चंद्र जन्म पत्रिका होती है। सही फलादेश करने के लिए जन्म पत्रिका की विवेचना लग्न, चंद्र तथा सूर्य के अनुसार जन्म पत्रिका में करना चाहिये।

 

गोचर का स्वरूप और उसका आधार
आकाश में स्थित ग्रह अपने मार्ग पर अपनी गतिनुसार भ्रमण करते हैं। इस भ्रमण के दौरान वे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। जन्म समय में ये ग्रह जिस राशि में पाए जाते हैं वह राशि उनकी जन्मकालीन अवस्था कहलाती है। जन्म पत्रिका इसी आधार पर बनाई जाती है। किंतु जन्म समय की स्थिति तो उस जातक का रूप, बनावट, भाग्य इत्यादि निर्धारित करती है। जन्म पत्रिका स्थिर होती है जिसमें ग्रहों की जन्म के समय की स्थिति होती है। किंतु ये ग्रह घुमते रहते हैं। इसलिए इनका तात्कालिक प्रभाव जानने के लिए जन्म पत्रिका में इनकी तात्कालिक स्थिति की गणना गोचर कहलाती है। गो शब्द संस्कृत भाषा की गम् से बना है और इसका अर्थ है चलने वाला। आकाश में करोड़ों तारे हैं। वे सब प्रायः स्थिर है। तारों से ग्रहों की पृथक्ता को दर्शाने के लिए उनका नाम गो अर्थात् चलने वाला रखा गया। चर शब्द का अर्थ भी चाल अथवा चलन है, तो गोचर शब्द का अर्थ हुआ-ग्रहों का चलन, अर्थात् चलना एवं अस्थिर अवस्था में ग्रह का परिवर्तन प्रभाव।

 

गोचर ग्रहों के प्रभाव उनकी राशि परिवर्तन के साथ-साथ बदलते रहते हैं। जातक पर चल रहे वर्तमान समय की शुभाशुभ जानकारी के लिए गोचर विचार सरल और उपयोगि साधन है। वर्ष की जानकारी गुरू और शनि से, मास की सूर्य से और प्रतिदिन की चंद्र गोचर से की जा सकती है।

 

इस प्रकार जन्म पत्रिका में योग जातक के शुभ-अशुभ का अनुमान बताते हैं। दशाकाल उस शुभ-अशुभ की प्राप्ति का एवं गोचर उसकी प्राप्ति व उपयोग का आभास कराते हैं।

भाग्यफल में तो गोचर अपनी ओर से कुछ जोड़-तोड़ नहीं कर सकता है। गोचर उचित दशा आने के पहले भी फल नहीं दे सकता। बढ़िया से बढ़िया बीज अच्छी से अच्छी मिट्टी में बोने के बावजूद सही पर उचित मात्रा में पानी नहीं मिलने के कारण ठीक प्रकार से फल नही दे पाता, सारा का सारा आयोजन धरा का धरा रह जाता है, उसी प्रकार अच्छा से अच्छा योग सुंदर से सुंदर दशा आने पर भी तब तक पूरी तरह फल नहीं दे पाता जब तक उचित गोचर न हो। उचित गोचर के अभाव में सारा गुड़ गोबर या मिट्टी ही जानिये।

 

बुध गोचरफल
चंद्र लग्न से दूसरे, चौथे, छठे, आठवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में गोचरवश विचरता हुआ बुध शुभ फल करता है। शेष भावों में वह सामान्य व अशुभ फल देने वाला होता है।

बुध गोचर 2021: मेष (Mesh)
बुध चंद्रमा से पंचम भाव में जब गोचरवश आता है तब मानसिक पीड़ा होती है। योजनाओं पर किया गया जातक का विचार सफल नहीं होता। पुत्र तथा स्त्री की ओर से जातक चिंतित होता है। आर्थिक क्षेत्र में जातक को परेशानी रहती है। जातक की अन्य स्त्रियों से असफल प्रेम वार्ता होती है।

बुध गोचर 2021: वृषभ (Vrushabh)
बुध चंद्रमा से छठे भाव में गोचरवश आता है तो धन, अन्न और आभूषण की प्राप्ति होती है। जातक को अच्छी और मनोरंजन पुस्तकें पढ़ने का अवसर मिलता है। शत्रुओं पर जातक को विजय प्राप्त होती है। सभी लोग जातक का मान सम्मान करते हैं। अच्छा शारीरिक और मानसिक सुख जातक को प्राप्त होता है। लेखन तथा वाद्य कला में जातक को प्रसिद्धि प्राप्त होती है।

बुध गोचर 2021: मिथुन (Mithun)
बुध चंद्रमा से सातवें भाव में गोचरवश जब आता है तो जातक को शारीरिक कष्ट रहता है। जातक का पत्नी व अन्य लोगों से विवाद होता है। राज्य की ओर से जातक भयभीत रहता है तथा उसके धन का नाश होता है। जातक की यात्रा सफल नहीं होती। जातक चिंताओं में ग्रस्त रहता है।

बुध गोचर 2021: कर्क (Kark)
बुध चंद्र से आठवें भाव में गोचरवश जब आता है तो जातक को धन लाभ तथा सुख प्राप्त होता है। शत्रुओं पर जातक हावी रहता है। कार्य में जातक को सफलता मिलती है। जिससे उसकी प्रसन्नता बढ़ती है। जातक की आर्थिक तथा सामाजिक स्थिति ऊंची होती है।

बुध गोचर 2021: सिंह (Sinh)
बुध चंद्रमा से नवम भाव में गोचरवश जब आता है तब जातक को खेद, पीड़ा तथा सब कार्यो में विघ्न व बाधाएं आती हैं। यात्रा में जातक को असुविध तथा हानि होती है। जातक को धन और मान की भी होती है। संबंधियों तथा भाइयों से जातक का वैमनस्य रहता है।

बुध गोचर 2021: कन्या (Kanya)
बुध चंद्रमा से दशम भाव में गोचरवश जब आता है तो जातक को किसी नये पद की प्राप्ति होती है। जातक शत्रुओं पर हावी रहता है। जातक का व्यवसाय बढ़ता है तथा उसे व्यवसाय में सफलता प्राप्त होती है। मानसिक सुख शांति के शांति के साथ-साथ उत्तम गृह सुख भी जातक को प्राप्त होता है। जातक के मान में भी वृद्धि होती है और उसको सफलता की प्राप्ति होती है। जातक द्वारा जनहित के कार्य भी होते हैं।

बुध गोचर 2021: तुला (Tula)
बुध चंद्र से एकादश भाव में जब गोचरवश आता है तो स्वास्थ्य, सुख, यश और धन की प्राप्ति होती है। मित्रों और पारिवारिक सदस्यों से अच्छी मेल-मुलाकात रहती है और धन की प्राप्ति होती है। संतान- प्राप्ति की संभावना भी रहती है। शुभ कार्यों में जातक की प्रवृत्ति बढ़ती है।

बुध गोचर 2021: वृश्चिक (Vrushchik)
बुध चंद्र द्वारा भाव में जब गोचरवश आता है तो धन तथा सुख की हानि होती है। जातक चिंतित व दुखी रहता है। भोजन में जातक की अरूचि रहती है। झगड़े आदि है। जातक चिंतित व दुखी रहता है। भोजन में जातक की अरूचि रहती है। झगड़े आदि के कारण प्रायः सभी कार्यो में जातक को हानि होती है। शत्रुओं द्वारा क्लेश तथा पराजय का अवसर आता है। शारीरिक स्वास्थ्य एवं संबंधियों से अनबन से जातक पीड़ित रहता है।

बुध गोचर 2021: धनु (Dhanu)
चंद्र लग्न में जब गोचरवश बुध आता है तो चुगलखोरी में समय व्यतीत होता है। जातक अप्रिय शब्दों का प्रयोग करता है। धन हानि और बंधन का भय रहता है। छोटे छोटे झगड़ों के कारण जातक के धन की हानि होती है। जातक का लोग आदर सत्कार भी करते हैं। जातक के संबंधियों को हानि पहुंचती है।

बुध गोचर 2021: मकर (Makar)
बुध चंद्र लग्न से द्वितीय भाव में गोचर वश जब आता है तब आनंद की वृद्धि होती है। जातक को धन-आभूषणों की प्राप्ति होती है। जातक अपनी वाक क्षमता से धन प्राप्त करता है। विद्या में उन्नति होती है। अच्छे खाद्य पदार्थों की प्राप्ति होती है किंतु संबंधियों से जातक को धन की हानि हो सकती है।

बुध गोचर 2021: कुंभ (Kumbha)
बुध चंद्र लग्न से तीसरे भाव में गोचर वश जब आता है तो जातक भयभीत होता है। उसके साहस में कमी आ जाती है। बंधुजनों से उसका झगड़ा तथा धन की हानि होती है। तृतीय भाव में गोचर वश आया हुआ बुध मित्रों के प्राप्ति भी करवाता है।

बुध गोचर 2021: मीन (Meen)
बुध चंद्र लग्न से चतुर्थ भाव में जब गोचरवश आता है तो धन की प्राप्ति होती है। माता को सुख मिलता है। जातक की जमीन जायदाद में वृद्धि होती है। अच्छे विद्वानों तथा भद्र पुरूषों से तथा उच्च पदस्थ लोगों से जातक की मित्रता बढ़ती है। घरेलू जीवन का सुख भी अच्छा मिलता है।

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