इस बार पितृ पक्ष की समाप्ति 17 सितंबर 2020 को हो रही है और इससे ठीक एक महीने बाद शारदीय नवरात्रि 2020 की शुरुआत हो रही है जो 17 अक्टूबर 2020 है। नवरात्रि के दौरान घटस्थापना किया जाता है। घट स्थापना, कलश स्थापना को कहते हैं।
दुर्गा पूजा का आरंभ घट स्थापना से शुरू हो जाता है।
आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, यानी 17 अक्टूबर को घट स्थापना मुहूर्त का समय प्रात:काल 06:27 बजे से 10:13 बजे तक का है.
कलश को सुख समृद्धि, ऐश्वर्य देने वाला तथा मंगलकारी माना जाता है। कलश के मुख में भगवान विष्णु, गले में रूद्र, मूल में ब्रह्मा तथा मध्य में देवी शक्ति का निवास माना जाता है। नवरात्री के समय ब्रह्माण्ड में उपस्थित शक्तियों का घट में आह्वान करके उसे कार्यरत किया जाता है। इससे घर की सभी विपदा दायक तरंगें नष्ट हो जाती है तथा घर में सुख शांति तथा समृद्धि बनी रहती है।नवरात्र में कलश स्थापना का विशेष महत्त्व है। अश्विन शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा के दिन ही कलश की स्थापना की जाती है। यह कलश पूरे 9 दिन तक निर्धारित स्थान पर रखा जाता है। पूरे 9 दिन तक इसी कलश के पास भक्त गण माता दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा अर्चना करते है।