हिन्दी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को बाल गोपाल कृष्ण का जन्म हुआ था और भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी का जन्म हुआ था। जन्माष्टमी का त्योहार 11 अगस्त और 12 अगस्त को आनंनपूर्वक मनाया गया। इस बार राधा अष्टमी 26 अगस्त दिन बुधवार को पड़ रही है। राधा अष्टमी को राधा जयंती भी कहा जाता है। राधा अष्टमी के दिन राधा रानी का श्रृंगार होता है और विधि विधान से पूजन किया
राधा जी का जन्म दोपहर में हुआ था, इसलिए दोपहर में ही पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है।
राधा जी का भी जन्म उनकी मां के गर्भ से नहीं हुआ, बल्कि बाल कृष्ण जैसे ही वे भी प्रकट हुई थीं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, राधा जी बाल श्रीकृष्ण से आयु में बड़ी थीं। उनका प्रकाट्य भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को और बाल गोपाल का प्रकाट्य भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को हुआ था।
राधा अष्टमी का व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है। राधा अष्टमी का व्रत मुख्यत: महिलाएं ही रखती हैं। राधा रानी उनको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। साथ ही घर परिवार में सुख-समृद्धि और शांति रहती है तथा नि:संतानों को संतान सुख प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रहने से घर में सदा ही लक्ष्मी का वास होता है। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जीवन सुखमय हो जाता है।
हर माह शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी मनाई जाती है और 28 जून को आषाढ़ माह शुक्ल की अष्टमी तिथि है। मासिक दुर्गा अष्टमी को मास दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है दुर्गाष्टमी पर देवी दुर्गा की मूर्ति की मन्त्रों से विधिपूर्वक पूजन करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दुर्योग
यदि दशमेश छठे. आठवें या बाहरवें भाव में स्थित हो तो दुर्योग बनता है।
दुर्योग में जन्में जातक का कृश शरीर, होता है वह स्वास्थ्य से चिन्तित, दरिद्र व्यभिचारी, स्वार्थी तथा जन्म स्थान से दूर जीवन यापन करता है।
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पुत्राभाव योग
जन्म कुंडली के दूसरे भाव में मंगल, तीसरे भाव में शनि, नवम भाव में बृहस्पति हो तथा पंचमेश व नवमेश छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो या निर्बल हो तो पुत्राभाव योग होता है।
जिस जातक की कुंडली में पुत्राभाव योग होता है, उसे संतान सुख नहीं मिलता।... read more
Your horoscope is nothing but an image of your latent tendencies and the good and bad times that you will be facing in this life as per your own past life and recent past good and bad deeds.
The malefic planets like Mars, Saturn or Rahu provoke you to take... read more
मीन लग्न के कारक ग्रह, अकारक ग्रह व तटस्थ ग्रह
मीन लग्न के कारक ग्रह, अकारक ग्रह व तटस्थ ग्रह
कारक ग्रह
मीन लग्न में चंद्रमा एवं गुरू तथा मंगल सबसे अधिक कारक ग्रह होता है।
अकारक ग्रह
मीन लग्न की जन्म पत्रिका में सूर्य, शुक्र एवं शनि अकारक ग्रह हैं।
तटस्थ ग्रह
मीन लग्न की... read more
धनु लग्न के कारक ग्रह, अकारक ग्रह व तटस्थ ग्रह
धनु लग्न के कारक ग्रह, अकारक ग्रह व तटस्थ ग्रह
कारक ग्रह
धनु लग्न में भाग्येश सूर्य एवं लग्नेश व चतुर्थेश गुरू सबसे अधिक कारक ग्रह होते है।
अकारक ग्रह
धनु लग्न की जन्म पत्रिका में चंद्रमा, शुक्र एवं शनि अकाररक हैं।
तटस्थ ग्रह
धनु लग्न... read more
Venus would be transiting to Aquarius on 9th January 2020 at 04:23 AM. Venus occupies a zodiac sign for a period of around 28 days in transit and then it transits to the next zodiac sign. Venus rules love relationship, taste, material pleasure, spouse, vehicles, partner and wealth in... read more
नवम भाव में मंगल का प्रभाव
कुंडली के नवम भाव से धर्म मानसिक वृत्ति, भाग्योद, तप तीर्थयात्रा, गुरू एवं दान इन सब बातों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
नवम में मंगल स्थित होने से मंगल की ऊर्जा के प्रभाव से जातक अभिमानी, तेजस्वी और उत्साही होता हैं जातक की... read more
चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वादशी को वामन द्वादशी व्रत किया जात है। वामन द्वादशी 5 अप्रैल 2020 को है। इस दिन भगावन वामन की पूजा और आराधना के साथ ही व्रत करने और कथा सुनने का महत्व है। वैसे भाद्र शुक्ल द्वादशी में वामन जयंती आती है। भगवान वामन विष्णु के... read more
गोचर का स्वरूप और उसका आधार
आकाश में स्थित ग्रह अपने मार्ग पर अपनी गतिनुसार भ्रमण करते हैं। इस भ्रमण के दौरान वे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। जन्म समय में ये ग्रह जिस राशि में पाए जाते हैं वह राशि उनकी जन्मकालीन अवस्था कहलाती है।... read more
पूर्वा अषाढा नक्षत्र में चंद्र ग्रहण . 5 जुलाई
यह 5 जुलाई को शुरू होने वाला ग्रीष्म ऋतु का अंतिम ग्रहण है , जहां 21 जून को सूर्य ग्रहण के पहले हमने चंद्र ग्रहण का अनुभव किया था। यह चंद्र ग्रहण बेहद शक्तिशाली है क्योंकि यह गुरु पूर्णिमा के दिन होने... read more
Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry’s standard dummy text ever since the 1500s, when an unknown printer took a galley of type and scrambled it to make a type specimen book. It has survived not only five centuries, but also the leap into electronic typesetting, remaining essentially unchanged. It was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets containing Lorem Ipsum passages, and more recently with desktop publishing software like Aldus PageMaker including versions of Lorem Ipsum.
यह एक लंबा स्थापित तथ्य है कि जब एक पाठक एक पृष्ठ के खाखे को देखेगा तो पठनीय सामग्री से विचलित हो जाएगा. Lorem Ipsum का उपयोग करने का मुद्दा यह है कि इसमें एक और अधिक या कम अक्षरों का सामान्य वितरण किया गया है, ‘Content here, content here’ प्रयोग करने की जगह इसे पठनीय English के रूप में प्रयोग किया जाये. अब कई डेस्कटॉप प्रकाशन संकुल और वेब पेज संपादक उनके डिफ़ॉल्ट मॉडल पाठ के रूप में Lorem Ipsum उपयोग करते हैं, और अब “Lorem Ipsum” के लिए खोज अपने शैशव में कई वेब साइटों को उजागर करती है. इसके विभिन्न संस्करणों का वर्षों में विकास हुआ है, कभी दुर्घटना से, तो कभी प्रयोजन पर (हास्य और लगाव डालने के लिए).
26 Jan,2020 – 01 Feb, 2020हिंदी में देखेंSee in English
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During Kundli matching, the horoscopes of the bride and groom are matched to ascertain whether their married life will be happy and successful. If 18 or more points match, it makes a good marriage and if the matches are below 18 points, then the marriage is not approved by astrology, Also Manglik Yoga has to be seen.
कुंडली मिलान के दौरान वर और वधू की कुंडली का मिलान यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि उनका वैवाहिक जीवन सुखी और सफल होगा या नहीं। यदि 18 या अधिक अंक मेल खाते हैं, तो यह एक अच्छा विवाह बनाता है और यदि मैच 18 अंक से नीचे हैं, तो ज्योतिष द्वारा विवाह को मंजूरी नहीं दी जाती है, इसके अलावा मांगलिक योग भी देखना पड़ता है।
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In any of the specific event in life, there is great role of planets that are ruling in the horoscope of the person. Marriage is one such significant event in which the ruling planets play major role. This is the reason why there is great role of marriage prediction in deciding the future of two people together
जीवन में किसी भी विशिष्ट घटना में, ग्रहों की महान भूमिका होती है जो व्यक्ति की कुंडली में शासन कर रहे हैं। विवाह एक ऐसी महत्वपूर्ण घटना है जिस में शासक ग्रह प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि दो लोगों के भविष्य को एक साथ तय करने में शादी की भविष्यवाणी की बड़ी भूमिका है।
Kundali / Birth Chart
In Hindu community JanamKundli or Birth Chart plays a very important role in marriages. The Kundli of the two individuals is matched to check the compatibility the two would share. The Kundli also gives us an insight into the different aspects of an individuals life like career, finance, relation and health.
हिंदू समुदाय में जन्म कुंडली या जन्म चार्ट विवाह में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दो व्यक्तियों द्वारा साझा की गई संगतता की जांच करने के लिए दो व्यक्तियों की कुंडली का मिलान किया जाता है। कुंडली हमें एक व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलु ओं जैसे कैरियर, वित्त, संबंध और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देती है।
Kundali Matching
During Kundli matching, the horoscopes of the bride and groom are matched to ascertain whether their married life will be happy and successful. If 18 or more points match, it makes a good marriage and if the matches are below 18 points, then the marriage is not approved by astrology, Also Manglik Yoga has to be seen.
कुंडली मिलान के दौरान वर और वधू की कुंडली का मिलान यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि उनका वैवाहिक जीवन सुखी और सफल होगा या नहीं। यदि 18 या अधिक अंक मेल खाते हैं, तो यह एक अच्छा विवाह बनाता है और यदि मैच 18 अंक से नीचे हैं, तो ज्योतिष द्वारा विवाह को मंजूरी नहीं दी जाती है, इसके अलावा मांगलिक योग भी देखना पड़ता है।
Kundali / Birth Chart
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हिंदू समुदाय में जन्म कुंडली या जन्म चार्ट विवाह में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दो व्यक्तियों द्वारा साझा की गई संगतता की जांच करने के लिए दो व्यक्तियों की कुंडली का मिलान किया जाता है। कुंडली हमें एक व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलु ओं जैसे कैरियर, वित्त, संबंध और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देती है।
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कुंडली मिलान के दौरान वर और वधू की कुंडली का मिलान यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि उनका वैवाहिक जीवन सुखी और सफल होगा या नहीं। यदि 18 या अधिक अंक मेल खाते हैं, तो यह एक अच्छा विवाह बनाता है और यदि मैच 18 अंक से नीचे हैं, तो ज्योतिष द्वारा विवाह को मंजूरी नहीं दी जाती है, इसके अलावा मांगलिक योग भी देखना पड़ता है।
Kundali / Birth Chart
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हिंदू समुदाय में जन्म कुंडली या जन्म चार्ट विवाह में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दो व्यक्तियों द्वारा साझा की गई संगतता की जांच करने के लिए दो व्यक्तियों की कुंडली का मिलान किया जाता है। कुंडली हमें एक व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलु ओं जैसे कैरियर, वित्त, संबंध और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देती है।