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Durva Ashtami Mahalakshmi Vrat Begins Radha Ashtami 26th Aug

Post Date: August 25, 2020

Durva Ashtami Mahalakshmi Vrat Begins Radha Ashtami 26th Aug

हिन्दी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को बाल गोपाल कृष्ण का जन्म हुआ था और भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी का जन्म हुआ था। जन्माष्टमी का त्योहार 11 अगस्त और 12 अगस्त को आनंनपूर्वक मनाया गया। इस बार राधा अष्टमी 26 अगस्त दिन बुधवार को पड़ रही है। राधा अष्टमी को राधा जयंती भी कहा जाता है। राधा अष्टमी के दिन राधा रानी का श्रृंगार होता है और विधि विधान से पूजन किया

राधा जी का जन्म दोपहर में हुआ था, इसलिए दोपहर में ही पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है।

राधा जी का भी जन्म उनकी मां के गर्भ से नहीं हुआ, बल्कि बाल कृष्ण जैसे ही वे भी प्रकट हुई थीं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, राधा जी बाल श्रीकृष्ण से आयु में बड़ी थीं। उनका प्रकाट्य भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को और बाल गोपाल का प्रकाट्य भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को हुआ था।
राधा अष्टमी का व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है। राधा अष्टमी का व्रत मुख्यत: महिलाएं ही रखती हैं। राधा रानी उनको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। साथ ही घर परिवार में सुख-समृद्धि और शांति रहती है तथा नि:संतानों को संतान सुख प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रहने से घर में सदा ही लक्ष्मी का वास होता है। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जीवन सुखमय हो जाता है।

हर माह शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी मनाई जाती है और 28 जून को आषाढ़ माह शुक्ल की अष्टमी तिथि है। मासिक दुर्गा अष्टमी को मास दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है दुर्गाष्टमी पर देवी दुर्गा की मूर्ति की मन्त्रों से विधिपूर्वक पूजन करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 

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