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पंचम भाव में शुक्र

Post Date: April 19, 2020

पंचम भाव में शुक्र

पंचम भाव में शुक्र

कुंडली के पंचम भाव से हमे संतान, शिक्षा, ईश्वर भक्ति की जानकारी प्राप्त होती है। पंचम भाव में शुक्र स्थित होने से जातक की संतान सुंदर होती है। जातक को अपनी संतान से सुख प्राप्त होता है। पंचम भाव में शुक्र स्त्री कारक ग्रह होने से जातक को कन्या संतान अधिक होने की संभावना होती है। शुक्र सुख-सुविधा व भौतिकता का कारक ग्रह है। इसलिये पंचम भाव के शुक्र के प्रभाव से जातक धनी व वैभवशाली होता है। ऐसा जातक कवि कलाकार होता है। अतः कला से संबंधित शिक्षा में प्रगति करता है। पंचम भाव बुद्धि व शिक्षा का भी होता है। पंचम भाव के शुक्र के प्रभाव से जातक की कम्प्युटर ग्राफिक्स फोटो की दुकान गायन वादन फिल्म आदि से संबंधित शिक्षा में प्रगति व सफलता मिलने की संभावना होती है। शुक्र भावनाओं का प्रतिनिधि ग्रह है। जातक अपनी भावनाओं को कविता के माध्यम से प्रकट करता है। पंचम भाव प्रेम संबंधो का भी होता है। शुक्र स्त्री कारक ग्रह पंचम भाव में स्थित होने से जातक को स्त्रियों से प्रेम होना या उसके अन्य स्त्रियों से प्रेम संबंध होने की संभावना होती है। जातक के प्रेम विवाह होने की प्रबल संभावनाएँ रहती है। पंचम भाव सट्टा या लाटरी का होने से जतक को अचानक धन लाभ होने की संभावना होती है। ऐसा जातक अभिनय के क्षेत्र में प्रसिद्धि प्राप्त करता है। शुक्र कला का कारक होने से पंचम भाव के शुक्र के प्रभाव से जातक में अभिनय व कला क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने की संभावना होती है। जातक को ग्रंथ लेखन से कीर्ति व प्रसिद्धि मिलने की संभावना होती है। शुक्र स्त्री कारक ग्रह होने से जातक को स्त्रियों के प्रति आदर भावना होती है। शुक्र के प्रभाव से ऐसे जातक कि शिक्षा किसी कारणवश अधूरी रह गई हो तो भी वह विद्वान समझा जाता है। ऐसे जातक आरामपसंद होते है। पंचम भाव में शुक्र स्थित होने से जातक मंत्र विद्या में प्रवीण होने की संभावना होती है। ऐसे जातक को स्त्री देवता की भक्ति करने से लाभ प्राप्त होता है।

सप्तम दृष्टि
पंचम भाव में शुक्र स्थित होने से उसकी दृष्टि एकादश भाव पर होती है। शुक्र की एकादश भाव पर दृष्टि होने से जातक की आय में वृद्धि होती है। जातक को मित्रों से लाभ होता है।

पंचम भाव में शुक्र का मित्रराशि में प्रभाव
पंचम भाव में शुक्र मित्रराशि में स्थित होने से जातक को कला संबंधी क्षेत्रों में सफलता मिलती है। उसे संतान सुख प्राप्त होता है।

पंचम भाव में शुक्र का शत्रुराशि में प्रभाव
पंचम भाव में शुक्र शत्रुराशि में स्थित होने से जातक की शिक्षा में बाधाएँ आती है। जातक को संतान से कष्ट प्राप्त होते हैं।

पंचम भाव में शुक्र का स्वराशि, उच्चराशि व नीच राशि में प्रभाव
पंचम भाव में शुक्र स्वराशि वृषभ या तुला में स्थित होने से जातक की बुद्धि अच्छी होती है। उसे संतान से सुख व सहयोग मिलता है।

पंचम भाव में शुक्र का अपनी उच्च राशि मीन में स्थित होने से जातक शिक्षा व कला के क्षेत्र में प्रगति करता है। जातक की संतान शिक्षित होती है। उसे संतान सुख मिलता है।

पंचम भाव में शुक्र का अपनी नीच राशि कन्या में स्थित होने से जातक को संतान सुख का अभाव रहता है। शिक्षा में बाधाएँ आती है। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।

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