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*गुरु तृप्त हैं या अतृप्त?*:- श्री श्री रवि शंकर

Post Date: June 5, 2020

*गुरु तृप्त हैं या अतृप्त?*:- श्री श्री रवि शंकर

एक शिष्य का काम है गुरु को सन्तुष्ट करना। पर जो स्वयं तृप्त हैं, उन्हें कैसे संतुष्ट किया जाए?
यदि गुरु संतुष्ट हैं, तो तुम्हारी उन्नति रुक जाएगी।
यदि गुरु असन्तुष्ट हैं, तो वे अपनी आत्मा से दूर हैं।
यदि गुरु तृप्त हैं, तुम्हें उन्नति की प्रेरणा कहाँ से मिलेगी?
यदि वे अतृप्त हैं, वे गुरु नहीं हो सकते।
यदि वे तृप्त हैं, तो भी वे गुरु हो नहीं सकते।
तो समाधान क्या है?

जय गुरुदेव

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