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सेवा का आशीर्वाद सेवा का आशीर्वाद :- श्री श्री रवि शंकर

Post Date: July 31, 2020

सेवा का आशीर्वाद सेवा का आशीर्वाद :- श्री श्री रवि शंकर

सेवा करते समय यह कभी मत सोचो कि तुम किसी पर एहसान कर रहे हो। तुम्हारी सेवा का फल तुम्हें तुरन्त मिल ही गया है। तुम्हारा पुरस्कार निश्चित है, तुमने जितना किया है उसकी तुलना में कहीं अधिक ही है। पुरस्कार की आशा सेवा को श्रय में बदल देती है। यदि तुम सोचते हो कि तुम बहुत सेवा कर चुके, वास्तव में तुम बहुत कम सेवा करोगे। जब तुम यह सोचते हो कि तुमने बहुत कम सेवा की है तब तुम और अधिक कर सकोगे। सेवा का अर्थ है कि चाहे तुम्हें तुरन्त कोई फल न भी नज़र आये, फिर भी कोई शिकायत नहीं रहती; श्रम में तुरन्त पुरस्कार मिलने पर भी शिकायत रहती हैं। सेवा के किसी भी अवसर के लिए कृतज्ञ हो जाओ।

सेवा करते समय यह कभी मत सोचो कि तुम किसी पर एहसान कर रहे हो। तुम्हारी सेवा का फल तुम्हें तुरन्त मिल ही गया है। तुम्हारा पुरस्कार निश्चित है, तुमने जितना किया है उसकी तुलना में कहीं अधिक ही है। पुरस्कार की आशा सेवा को श्रय में बदल देती है। यदि तुम सोचते हो कि तुम बहुत सेवा कर चुके, वास्तव में तुम बहुत कम सेवा करोगे। जब तुम यह सोचते हो कि तुमने बहुत कम सेवा की है तब तुम और अधिक कर सकोगे। सेवा का अर्थ है कि चाहे तुम्हें तुरन्त कोई फल न भी नज़र आये, फिर भी कोई शिकायत नहीं रहती; श्रम में तुरन्त पुरस्कार मिलने पर भी शिकायत रहती हैं। सेवा के किसी भी अवसर के लिए कृतज्ञ हो जाओ।

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