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शारदीय नवरात्रि 2024: कलश स्थापना, माँ दुर्गा की सवारी, दुर्गा सप्तशती और नौ रूपों की महिमा

Post Date: October 1, 2024

शारदीय नवरात्रि 2024: कलश स्थापना, माँ दुर्गा की सवारी, दुर्गा सप्तशती और नौ रूपों की महिमा

 इस वर्ष, अश्विन माहिने में मनायी जाने वाली शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर को शुरू होगी और 12 अक्टूबर को समाप्त होगी। पितृपक्ष के समाप्‍त होते ही 9 दिन तक देवी की पूजा पूरी श्रद्धा और उल्लास से की जाती है।

और दसवे दिन इनकी बिदाई के रूप में विजय दशमी का त्यौहार मनाया जाता है। अनेक राजयो जैसे बंगाल में दशमी के दिन माता रानी का विसर्जन धूम धाम से मनाते हैं और उत्तर प्रदेश, दिल्ली अथवा बिहार में विजय दशमी के दिन रावण का पुतला जला के
बुराई पर अच्छाई  की जीत का जश्न मनाते हैं। और इसे गुजरात के कुछ हिस्सों में गरबा या डांडिया के रूप में मनाया जाता है।

Shardiya Navratri 2024 Date (शारदीय नवरात्रि कब से शुरू है 2024)

शारदीय नवरात्रि हर साल आशिन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। और दशमी तिथि पर समाप्त होता है। यह 10 दिनों का त्योहार है जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस साल आशिन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से 19 मिनट पर होगी। वही इस तिथि का समापन सुबह 2 बजे 58 मिनट पर होगा।

माँ दुर्गा की पालकी पर 2024 में आगमन: शुभ या अशुभ संकेत?

यदि नवरात्रि का आरंभ गुरुवार या शुक्रवार को होता है, तो माँ दुर्गा की सवारी पालकी मानी जाती है। 2024 में नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार को हो रही है, जिसका अर्थ है कि माँ दुर्गा पालकी पर सवार होकर आएंगी। ज्योतिष और धर्मशास्त्रों के अनुसार, माँ दुर्गा का पालकी पर आना शुभ नहीं माना जाता। इसे चिंता का संकेत माना गया है, जो अर्थव्यवस्था में गिरावट, कामकाज में मंदी, महामारी के फैलने, अप्राकृतिक घटनाओं, और सेहत में गिरावट जैसी समस्याओं की आशंका पैदा करता है। साथ ही, इस दौरान हिंसा और अराजकता की खबरें भी मिल सकती हैं। अतः इस वर्ष का पालकी पर आगमन कई तरह की चिंताओं को जन्म दे सकता है।

Shardiya Navratri 2024 Kalash sthapana Muhurat ( कलश स्थापना मुहूर्त 2024 ) 

जैसे कि 3 अक्टूबर को नवरात्रि शुरू हो रही है तो कलश स्थापना भी 3 अक्टूबर को ही होगी।  इस दिन घट स्थापना का शुभ समय सुबह 06:15 से 07:22 बजे तक है ।इसके अलावा इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:46 से दोपहर 12:33 बजे तक है।  आप इनमें से किसी भी समय में कलश स्थापना कर सकते हैं।

नवरात्रि में कलश स्थापना का महत्व : (Kalash sthapana Importance):  नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना को बहुत ही शुद्ध और महत्वपूर्ण माना जाता है। कलश स्थापना नवरात्रि के पहले दिन की जाती है।

नवरात्रि के नौ दिनों में 9 अलग-अलग देवी स्वरूपों का पालन किया जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार कलश स्थापना से सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि पूजा पूर्ण मानी जाती है।

शारदीय नवरात्रि 2024: दुर्गा सप्तशती के पाठ से पाएं जीवन में सुख, शांति और सफलता 

दुर्गा सप्तसती के 13 अध्याय के पाठ से अलग-अलग मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।  अलग-अलग मनोकामनाओं पर आधारित दुर्गा सप्तसती पाठ के 13 अध्याय नीचे दिए गए हैं जिन्हें नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान अवश्य पढ़ना चाहिए और दूसरों को भी सुनाना चाहिए।

प्रथम अध्याय- हर तरह की चिंता दूर होती है। सत्रु भये दूर होने के साथ सत्रुओ का नाश होता है।

दूसरा अध्याय: किसी भी प्रकार के वाद-विवाद या संपत्ति संबंधी विवाद से आपको जीत मिलेगी।

तिसरा अध्याय: आपको अपने शत्रु के खिलाफ किसी युद्ध या अदालती मामले में जीत मिलेगी।

चौथा अध्याय: धन सुंदर जीवन साथी के साथ-साथ मां की भक्ति भी मिलेगी।

पांचवा अध्याय: यह अध्याय पढ़ने से व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

छठा अध्याय: कठिन से कठिन समस्याएं हल होंगी और सभी प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।

सातवां अध्याय: व्यापार में वृद्धि होगी, करियर में उन्नति होगी और धन-धान्य से घर भर जाएगा।

आठवां अध्याय: व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति मिलेगी और मन की शांति प्राप्त होगी। इसके साथ ही सारे भय और संकट दूर हो जाएंगे।

नवां अध्याय: किसी भी बाधा या संकट से मुक्ति मिलेगी और जीवन में सफलता के नए मार्ग खुलेंगे।

दसवां अध्याय: आपके शत्रुओं का नाश होगा और आपको समाज में प्रतिष्ठा और मान-सम्मान मिलेगा।

ग्यारहवां अध्याय: रोगों से मुक्ति और दीर्घायु की प्राप्ति होगी, साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि का वास होगा।

बारहवां अध्याय: घर में सुख-शांति बनी रहेगी, सभी दुख और क्लेश समाप्त होंगे, और जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होगी।

तेरहवां अध्याय: यह अध्याय पढ़ने से सर्वसिद्धियों की प्राप्ति होती है, और सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।

नवरात्रि के नौ दिन 2024: माँ दुर्गा के नौ रूपों की महिमा

इशी के साथ नवरात्रि के 9 दिन, माँ दुर्गा के 9 रूपो की पूजा बड़े उत्साह के साथ की जाती है। ये 9 रूप 9 दिन की नवरात्रि के लिए कुछ इस प्रकार है –

नवरात्रि का पहला दिन – 3 अक्टूबर 2024, मां शैलपुत्री
नवरात्रि का दूसरा दिन – 4 अक्टूबर 2024, मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि का तीसरा दिन – 5 अक्टूबर 2024, मां चंद्रघंटा
नवरात्रि का चौथा दिन – 6 अक्टूबर 2024, मां कूष्मांडा
नवरात्रि का पांचवां दिन – 7 अक्टूबर 2024, मां स्कंदमाता
नवरात्रि का छठा दिन – 8 अक्टूबर 2024, मां कात्यायनी
नवरात्रि का सातवां दिन – 9 अक्टूबर 2024, मां कालरात्रि
नवरात्रि का आठवां दिन – 10 अक्टूबर 2024, मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि का नौवां दिन – 11 अक्टूबर 2024, मां महागौरी
विजयदशमी – 12 अक्टूबर 2024, दुर्गा विसर्जन

नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना और दुर्गा सप्तशती का पाठ हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का मार्ग है।

 

 

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