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युवराज रत्न पन्ना  । Sanjay Dara Singh AstroGem Scientist ।  असली नकली पहचान व धारण करने के लाभ । 

Post Date: July 31, 2020

युवराज रत्न पन्ना  । Sanjay Dara Singh AstroGem Scientist ।  असली नकली पहचान व धारण करने के लाभ । 

युवराज रत्न पन्ना  । Sanjay Dara Singh AstroGem Scientist ।  असली नकली पहचान व धारण करने के लाभ । 
Gemstone Series
रत्नों में पन्ना रत्न को युवराज की संज्ञा दी गयी है, इंग्लिश में इसे एमराॅल्ड तथा उर्दु व फारसी में जमरूद के नाम से जाना जाता है। पन्ने में युवराज होने का सबसे बडा गुण यह पाया जाता है कि यह सदोष अर्थात दोषयुक्त पाया जाता है, भला वह युवराज ही क्या जिसमें कोई दोष ना हो। निर्दोष पन्ना बहुत ही दुर्लभ व कीमती होता है। यह बेरिल प्रजाति का पारदर्शी से पारभासी व चुरचुरा एवं बहुत ही कोमल रत्न होता है। पन्ने में दोष होना एक आम बात है तथा इसका प्राकृतिक गुण भी। पन्ने में सफेद, काले, गहरे हरे रंग के दाग व धब्बे, रेशा, चीर, दोरंगा व पायराईट के क्रिस्टल इत्यादि साधारणतः पाये जाते हैं। इसलिये पन्ने के चुनाव में यह देखना होता है कि उसमें दोष कम से कम हों। पन्ने में कभी कभी एक बारीक सितारों के जैसी आभा सी भी प्रतीत होती है जिसे गिलटरिंग इफैक्ट कहते हैं। यह आभा बहुत ही कम पन्नों में प्रतीत होती है। इस आभा वाले पन्नों की क्रिस्टल जटिलता काफी मजबूत होती है तथा यह कीमती भी होती है।
 ज्योतिषय संदर्भ 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन व कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुद्ध होता है और पन्ने को बुद्ध का रत्न माना जाता है। जिस भी जातक की कुण्डली में बुद्ध ग्रह सकारात्मक प्रभाव की स्थिति में होता है उन्हें पन्ना रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। जो व्यक्ति प्रबंधक, वकील, मार्केटिंग, सूचना व तकनीकी व्यवसाय, अकाउंट, लेखा-जोखा से संबंधित कार्य, मैनेजमेंट के कार्य, लेखन कार्य, मीडिया, सेल्समैन, काउंसलिग, रिसेपशनिस्ट, ऐजुकेशनल सर्विसिज, ज्यूडिशियरी इत्यादि क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों को उपरोक्तलिखित कार्यों से संबंधित किसी भी प्रकार से चाहे वह तकनीकी, उत्पादकता, क्रय-विक्रय इत्यादि रूप से जुड़े होते हैं उन्हें भी यह पन्ना रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
यह आत्मबल, विधा, बुद्धि, वाणी, समाज में सम्मान, तीव्र दूरदर्शिता, राजनीतिक सफलता, एकाग्रता, अवलोकन, प्रबंधन कला, अध्यातमिकता, सन्तान सुख, रोग प्रतिरोधक क्षमता, निर्णय क्षमता, संतान का स्वास्थय, शत्रुओं पर नियंत्रण रखने की कला, वाणी की मधुरता, कार्य कुशलता, स्नायु तंत्र, जीभ, आंत, वाणी, नाक, कान, गला, फेफड़ा इत्यादि का भी कारक होता है।
 रोगों के संदर्भ में 
यह बुद्ध ग्रह मस्तिष्क विकार, यादास्त भूलना, पक्षाधात, हकलाना, दौरे आना, सूंघने, सुनने व बोलने की शक्ति कम हो जाना, मानसिक रोग, जीब्हा विकार, सिरदर्द, त्वचा के रोग, सरवाईकल, वायु विकार, एसिड बनना, आंतड़ियों के रोग, दूषित वाणी, मूत्र विकार, रक्त विकार, हृदय रोग, पित्त विकार, दमा, अजीर्ण, बवासीर, एलर्जी, शरीर में विष बनना, शरीर पर मस्से या तिल इत्यादि अधिक होना, रोग प्रतिरोधक क्षमता इत्यादि का कारक होता है जिसमें पाॅजीटिव प्रभाव प्राप्त करने के लिये पन्ना रत्न पहना जाता है।
पन्ना विश्व के कई देशों से निकलता है जैसे कि ब्राजील, काॅलम्बिया, रशिया, तंजानिया, साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रिया, कीनिया, जाम्बिया, पाकिस्तान की पंजशीर व सवेट वैली तथा भारत के मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की खान से व राजस्थान उदयपुर व अजमेर के पास की खानों से निकलता है। किसी समय ब्राजील के खानों के उत्पादों को सर्वोत्तम गुणवत्ता का दर्जा प्राप्त है परन्तु वर्तमान में उत्पादन लगभग बंद ही हो चुका है। वर्तमान समय में उत्पादन कोलम्बिया व जाम्बिया से हो रहा है।
 कुछ विश्व प्रसिद्ध पन्नेः इंगलैंड में डेवनशायर में डयूक के पास कोलम्बियन पन्ना था जिसका वनज 1347 कैरेट था और यह अब तक का विश्व का सबसे बडा पन्ना बताया जात है। सन 1967 में 858 कैरेट का एक और पन्ना कोलम्बिया की खान से निकाला गया जो कि गालचा के नाम से विश्व विख्यात है। गालचा नाम इसलिये रखा गया क्योंकि गालचा उस स्थान का नाम है जहां से यह बेशकीमती पन्ना निकला था। अलवर के भूतपूर्व महाराजा तेज सिंह के पास भी एक बेशकीमती पन्ना था जिसका वनज 365 कैरेट था।
वर्तमान समय में उत्पादकता कम होने के कारण कृत्रिम पन्नों ने इनकी जगह लेने का सक्षम प्रयास किया है। यह कृत्रिम पन्ना बिना गुणवत्ता के होने के बावजूद भी इन्हें महंगी कीमतों में बेचा जाता है। परन्तु हकीकत यह है कि रत्नों की प्रमाणिकता को लेकर रत्न शास्त्र में कुछ टैस्ट होते हैं अगर कोई रत्न उन सभी टैस्टस में पास होने पर ही असली कहलाता है। इसीलिए ग्राहकों को सतर्क करते हुवे उन्हें किसी भी अच्छे ब्राण्ड का सील्ड व सर्टिफाईड उत्पाद ही खरीदना चाहिए क्योंकि बिना प्रमाणिकता के रत्नों में ग्राहक के साथ धोखा होने की संभावना अधिक होती है।
असली प्राकृतिक पन्ना रत्न को रत्न शास्त्र के आधार पर पहचाने के लक्ष्ण:
1. यह वजन में हल्का व द्विवर्णीय रत्न होता है।
2. इसकी हार्डनेस मोह स्केल पर 7.5 होती है।
3. इसकी द्विवर्णीयता 0.006 होती है।
4. इसकी आर. आई. 1.57-1.58 होती है।
5. इसकी ग्रेविटी 2.71 होती है।
6. इसकी प्रारंभिक संरचना षटकोणीय होती है।
7. पन्नें में बेरेलियम एल्यूमीनियम की सिलीकेट रासायनिक संरचना होती है।
8. यह बेरल प्रजाति का रत्न होता है।
 Sanjay Dara Singh 
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist (Gemological Institute of America), Astrology, Nemeorology, Vastu (SSM)
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