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महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र
॥ महिषासुरमर्दिनिस्तोत्रम् ॥ अयि गिरिनंदिनि नंदितमेदिनि विश्वविनोदिनि नंदनुते गिरिवरविंध्यशिरोधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठकुटुंबिनि भूरिकुटुंबिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शंकरतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते। दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥२॥ अयि जगदंब मदंब कदंबवनप्रियवासिनि हासरते शिखरिशिरोमणितुंगहिमालयशृंगनिजालयमध्यगते। मधुमधुरे मधुकैटभगंजिनि कैटभभंजिनि रासरते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥३॥ अयि शतखण्डविखण्डितरुण्डवितुण्डितशुण्डगजाधिपते रिपुगजगण्डविदारणचण्डपराक्रमशुण्ड मृगाधिपते। निजभुजदण्डनिपातितखण्डनिपातितमण्डभटाधिपते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि... read more
बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। आज ही के दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ होता है। -29 जनवरी, 2020 (बुधवार)
बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। आज ही के दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ होता है। बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। आज ही के दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ... read more
मकर संक्रांति का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण – 15 जनवरी, 2020 (बुधवार)
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति एक प्रमुख पर्व है। भारत के विभिन्न इलाकों में इस त्यौहार को स्थानीय मान्यताओं के अनुसार मनाया जाता है। हर वर्ष सामान्यत: मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जबकि उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता... read more
सोम वेदों में वर्णित एक विषय है जिसका( वैदिक संस्कृत में) प्रमुख अर्थ उल्लास, सौम्यता और चन्द्रमा है।
सोम वेदों में वर्णित एक विषय है जिसका( वैदिक संस्कृत में) प्रमुख अर्थ उल्लास, सौम्यता और चन्द्रमा है। ऋग्वेद और सामवेद में इसका बार-बार उल्लेख मिलता है। ऋग्वेद के ‘सोम मण्डल’ में ११४ सूक्त हैं, जिनमे १०९७ मंत्र हैं – जो सोम के ऊर्जादायी गुण का वर्णन करते हैं।... read more
भगवान श्रीराम की स्तुति में रचा गया स्तोत्र है।
श्रीरामरक्षास्तोत्रम् बुधकौशिक नामक ऋषि द्वारा भगवान श्रीराम की स्तुति में रचा गया स्तोत्र है। अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य। बुधकौशिक ऋषि:। श्रीसीतारामचंद्रोदेवता। अनुष्टुप् छन्द:। सीता शक्ति:। श्रीमद्हनुमान् कीलकम्। श्रीसीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे जपे विनियोग: ॥ अर्थ: — इस राम रक्षा स्तोत्र मंत्रके रचयिता बुधकौशिक ऋषि हैं, सीता और रामचंद्र देवता हैं, अनुष्टुप छंद हैं, सीता शक्ति हैं,... read more
गुह्यतम ज्ञान अथवा सर्वसार : दो कदम बुद्धत्व की ओर – श्री श्री रवि शंकर
पहला भाग आत्मा – यह शक्ति पुंज, इतना शक्तिशाली, इतना सक्ष्म है कि पर्वत भी हिला दे। इस शक्ति को पहचानो। यही शक्ति ही तो परमात्मा है, यही शक्ति दिव्यता है, यही शक्ति ‘तुम’ हो। यह प्रतीति हो जाने पर जीवन के विभिन्न प्रकार के कष्टों और दुःखों में भी... read more
*संशयवाद*:- श्री श्री रवि शंकर
संशयवादी होकर भी यह नहीं जानना कि तुम संशयवादी हो, अज्ञान है। यदि तुम सोचते हो कि तुम संशयवादी हो, तब तुम संशयवादी नहीं रह जाते क्योंकि तुम्हें कुछ आभास है कि इसके परे भी कुछ है। इसलिए तुम वास्तव में कभी भी यह नहीं जान सकते कि तुम... read more
चार एष्णाएं : दो कदम बुद्धत्व की ओर – श्री श्री रवि शंकर
तीसरा भाग बच्चों के प्रति अनासक्त भाव से उनकी सेवा करना या उनका ध्यान रखना एक बहुत बड़ी कला है। वे भगवान का ही रूप हैं, भगवान के बच्चे हैं यदि ऐसा जानते हुए तुम उनकी सेवा करते और बदले में उनसे कुछ भी आकाश नहीं रखते, कुछ भी नहीं... read more
गंगा दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। 20 June 2020
गंगा दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इसी दिन मां गंगा का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष के १० वे दिन को दशमी दशहरा कहते हैं। सनातन धर्म में स्नान, दान हर किसी उपवास त्योहार के साथ इसलिए जोड़ा गया है ताकि पृथ्वी पर इंसानियत... read more
दिशाहीन पालन-पोषण से बचाव: परिचय अपने बच्चों से– श्री श्री रवि शंकर
चौथा भाग कुछ सीमा तक अनुशासन अच्छा है और वह इससे प्रसन्न रहेगें। हमारे एक चाचाजी बहुत सख्त थे। वह हमारे चाकलेट का डिब्बा अपने पास रखते थे और प्रतिदिन गृहकार्य पूरा होने पर एक चाकलेट हमें देते थे। हमें प्रतिदिन अंग्रेजी का समाचार पत्र पढ़ना होता था। उन दिनों... read more