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ईश्वर एक कुशल व्यापारी हैं:- श्री श्री रवि शंकर
ईश्वर ने दुनिया की छोटी-छोटी सभी खुशियाँ तो तुम्हें दे दी है, लेकिन सच्चा आनन्द अपने पास रख लिया है। और उस परम आनन्द को पाने के लिए तुम्हें उनके पास, सिर्फ उनके ही पास जाना होगा। ईश्वर के साथ चालाकी करके, उनसे धोखा करने की कोशिश मत करो। अधिकतर... read more
मैं ध्यान का मंत्र जानता हूँ। प्रबंधन का मंत्र क्या हैं?
प्रबंधन का आरम्भ मन से होता है। जब मन स्वयं को योग्य ढंग से सम्भालना सीख जाता है तो वह किसी भी वस्तु या स्थिति को सम्भाल सकता है। मानव जीवन मूर्त और अमूर्त का एक मिश्रण है। हमारा शरीर मूर्त है और हमारा मन अमूर्त है। सकारात्मक और नकारात्मक... read more
गुह्यतम ज्ञान अथवा सर्वसार : दो कदम बुद्धत्व की ओर – श्री श्री रवि शंकर
दूसरा भाग जीवन आग में झुलसने जैसा है, परन्तु आखिर जीवन से बचकर जाओगे कहां? कुछ लोग जीवन के दुःखों से बेचने के लिए आत्महत्या कर लेते हैं, परन्तु वास्तव में और भी गहन आग में उतर जाते हैं। यह इस समस्या का हल नहीं, बल्कि अज्ञात है। उन्हें जीवन... read more
प्रश्न और उत्तर ।श्री श्री रविशंकर जी प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दे रहें हैं।
गुरूजी, एक ऐसी मुस्कराहट है जो अंतरात्मा से आती है और इसके अलवा एक दूसरी मुस्कराहट है जो केवल लोगों को प्रभावित करने के लिए दी जाती है। मैं महेशा कैसे मुस्करा सकता हूँ? अमेरिका में एक कहावत है “तब तक दिखावा करो जब तक वह तुम्हारा स्वभाव न बन... read more
तीन प्राकृतिक गुण : दो कदम बुद्धत्व की ओर – श्री श्री रवि शंकर
चौथा भाग इस तरह जीवन में साधना से बुद्धि में सात्विक गुण बढ़ता है और सात्विक बुद्धि से ज्ञान, सजगता और प्रफुल्लता का उदय होता है। यह सब सत्व के साथ ही आता है। हमारे व्यक्तित्व में, जीवन में जो उन्नति होती है, वह सत्वगुण बढ़ने पर ही आती है।... read more
विश्व और कोरोना देशों का राशिफल -ज्योतिष (पुन: परिभाषित)
दोस्तों मैं एक कहानी साझा करना चाहूंगा जो मेरे दिमाग में आई थी, जैसा कि हमने कई भविष्यवाणियां देखी हैं और कोरोना महामारी के बारे में लिखा है, लेकिन किसी ने भी विश्व की एकल कुंडली के बारे में नहीं सोचा है। अलग-अलग देशों से बनी अलग-अलग कुंडली थी... read more
अपने जीवन के बारे में आत्मविश्लेषण और इसकी गुणवत्ता को कैसे सुधार सकते हैं-अपने बारे में बेहतर महसूस करने में सहायता करते हैं। यह उद्देश्य ही व्यक्ति के लिए अनेक द्वार खोल सकता है।
आप किसी को सहनशीलता की शिक्षा कैसे देते है? सहनशीलता स्वयं में ही एक नकारात्मक शब्द है। आप जिसे पसंद नहीं करते है, उसे ही सहन करते हैं। मेरे विचार में अब हमें सहनशीलता से प्रेम की ओर जाने की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए है कि जब आप किसी चीज... read more
*गुरु तृप्त हैं या अतृप्त?*:- श्री श्री रवि शंकर
एक शिष्य का काम है गुरु को सन्तुष्ट करना। पर जो स्वयं तृप्त हैं, उन्हें कैसे संतुष्ट किया जाए? यदि गुरु संतुष्ट हैं, तो तुम्हारी उन्नति रुक जाएगी। यदि गुरु असन्तुष्ट हैं, तो वे अपनी आत्मा से दूर हैं। यदि गुरु तृप्त हैं, तुम्हें उन्नति की प्रेरणा कहाँ से मिलेगी? यदि वे अतृप्त... read more
Liberation (Moksha) – Astrological Analysis
A liberated soul can be explained as one who is untouched by likes and dislikes, pleasure and pain, happiness and sadness. Although living, he sees this universe, his life and all beings as meaningless, with no purpose. He gives up all sorts of mental stimulation, anxiety and cravings for sense... read more
होली है . . तो बातें होली के रंगों की . . अपनी राशि के अनुसार करे रंगों का चुनाव
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