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शुक्र का कन्या राशि में प्रवेश – 23 अक्टूबर, 2020
गोचर का स्वरूप और उसका आधार आकाश में स्थित ग्रह अपने मार्ग पर अपनी गतिनुसार भ्रमण करते हैं। इस भ्रमण के दौरान वे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। जन्म समय में ये ग्रह जिस राशि में पाए जाते हैं वह राशि उनकी जन्मकालीन अवस्था कहलाती है।... read more
करनी तथा होनी*:- श्री श्री रवि शंकर
इस ज्ञान का सबसे उत्तम योग है कि हम अतीत को घटना” के रूप में देखें और वर्तमान को कुछ “करने” का अवसर समझें। यदि अतीत को “करनी” के रूप “घटना” के रूप में देखते हैं तो अहं और पश्चाताप होता है। और वर्तमान को होनी जैसे देखें तो... read more
Best Vastu Shastra Consultant in India | Vastu Shastra Astrology Consultation
Vaastu Shastra is the ancient Indian science of building houses, palaces, buildings or temples, which can be considered an ancient form of modern-day science architecture. Designs are based on directional alignment. It is applied in Hindu architecture, including Hindu temples and vehicles, utensils, furniture, sculpture, paintings, etc. It means that Vaastu... read more
महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र
॥ महिषासुरमर्दिनिस्तोत्रम् ॥ अयि गिरिनंदिनि नंदितमेदिनि विश्वविनोदिनि नंदनुते गिरिवरविंध्यशिरोधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठकुटुंबिनि भूरिकुटुंबिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शंकरतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते। दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥२॥ अयि जगदंब मदंब कदंबवनप्रियवासिनि हासरते शिखरिशिरोमणितुंगहिमालयशृंगनिजालयमध्यगते। मधुमधुरे मधुकैटभगंजिनि कैटभभंजिनि रासरते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥३॥ अयि शतखण्डविखण्डितरुण्डवितुण्डितशुण्डगजाधिपते रिपुगजगण्डविदारणचण्डपराक्रमशुण्ड मृगाधिपते। निजभुजदण्डनिपातितखण्डनिपातितमण्डभटाधिपते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि... read more
मौन का उत्सव :- श्री श्री रवि शंकर
जिसने तुम्हें सब-कुछ दिया है उसने तुम्हें स्वाधीनता भी दी है। उस स्वाधीनता का सम्मान करो और उन सब चीजों का सदुपयोग करो जो तुम्हें मिली हैं। तुम्हारे संकल्प और तुम्हारी वासनाएँ तुम्हें ईश्वर से अलग करती हैं। उन सभी को ईश्वर को समर्पित कर दो। तब तुम दिव्य हो जाते... read more
मैं ध्यान का मंत्र जानता हूँ। प्रबंधन का मंत्र क्या हैं?
प्रबंधन का आरम्भ मन से होता है। जब मन स्वयं को योग्य ढंग से सम्भालना सीख जाता है तो वह किसी भी वस्तु या स्थिति को सम्भाल सकता है। मानव जीवन मूर्त और अमूर्त का एक मिश्रण है। हमारा शरीर मूर्त है और हमारा मन अमूर्त है। सकारात्मक और नकारात्मक... read more
सफल जीवन के लिए मन्त्रों का जाप | ॥ गणेश मंत्र ॥
वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥ आपका एक दांत टूटा हुआ है तथा आप की काया विशाल है और आपकी आभा करोड़ सूर्यों के समान है। मेरे कार्यों में आने वाली बाधाओं को सर्वदा दूर करें। हिंदी अर्थ:- हे हाथी के जैसे विशालकाय, जिनका तेज सूर्य की सहस्त्र... read more
माँ दुर्गा के ९ रूप । नवमी – सिद्धिदात्री
देवी के नवें रूप को सिद्धिदात्री कहा जाता है। देवी महागौरी आपको भौतिक जगत में प्रगति के लिए आशीर्वाद और मनोकामना पूर्ण करती हैं, ताकि आप संतुष्ट होकर अपने जीवनपथ पर आगे बढ़ें। माँ सिद्धिदात्री आपको जीवन में अद्भुत सिद्धि, क्षमता प्रदान करती हैं ताकि आप सबकुछ पूर्णता के साथ कर... read more
अश्विन अमावस्या 17 th sep
भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष के पहले दिन पितृ पक्ष मनाया जाता है और यह लगातार नए चंद्र दिवस के समय तक पंद्रह दिन तक चलता है। भाद्रपद महीने के दौरान पड़ने वाली अमावस्या को अश्विन अमावस्या या महालय अमावस्या कहा जाता है जो दुर्गा पूजा के उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। इसे पंद्रह दिनों के पितृ... read more
हम लोग भरपूर प्रयास करने के बावजूद सफल क्यों नहीं हो पाते ?
अभी गुप्त नवरात्री चल रहे है और और विश्वा योग दिवस भी बनाया गया । मैंने जो अनुभव किया आपके सब के साथ साझा कर रहा हूँ , हो सके इस लेख को पढ़ने के बाद हमे सफलता की कुंजी मिल जाये । देवी के तीन रूप होते है , दुर्गा... read more