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प्रिय बनो :- श्री श्री रवि शंकर

Post Date: July 30, 2020

प्रिय बनो :- श्री श्री रवि शंकर

जब ज्ञान विवेक बनकर तुममें समा जायेगा, वह तुम्हें कभी नहीं छोड़ेगा। विवेक हृदय में समा जाता है। ईश्वर को अपना वैलेन्टाइन (valentine), अपना प्रियतम बना लो। जीवन का यही आखिरी कार्य है – और प्रथम भी।

अपने हृदय को एक सुरक्षित स्थान में रखो, यह बहुत ही कोमल है। घटनाएँ तथा छोटी-छोटी बातें इस पर गहरा प्रभाव डालती हैं। अपनी हृदय को सुरक्षित और मन को स्वस्थ व पवित्र रखने के लिए तुम्हें ईश्वर से बेहतर और कोई स्थान नहीं मिलेगा। जब तुम अपना हृदय ईश्वर को दे दोगे, तो समय और घटनाएँ तुम्हें छू नहीं सकती, उनका कोई निशान भी तुम पर नहीं पड़ेगा। एक मूल्यवान रत्न को सोने या चाँदी में जड़ा जाता है ताकि वह गिर न जाये और उसे पहना जा सके; वैसे ही विवेक और ज्ञान हमारे हृदय को ईश्वर में जड़कर रखते हैं
ईश्वर को अपना प्रियतम बनाओ।

बस, रहो…. और जानने कि तुम प्रिय हो। यही है, “प्रिय तम”।

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