प्रत्येक ग्रह की परिक्रमा की परिधि व उस मार्ग पर चलने की गति भिन्न होती है।
ग्रहों की गति
प्रत्येक ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। सूर्य के चारों ओरस ग्रहों की परिक्रमा करने का मार्ग अण्डाकार है। प्रत्येक ग्रह की परिक्रमा की परिधि व उस मार्ग पर चलने की गति भिन्न होती है। जो ग्रह सूर्य के निकट होते हैं उनको सूर्य की परिक्रमा में कम समय लगता है एवं जो ग्रह सूर्य से दूर होते हैं उन्हें अधिक समय लगता है।
ग्रह राशिचक्र में परिक्रमा करते हुए विभिन्न राशियों से होकर जाते हैं। इनकी गति निम्न हैः-
सूर्यः वैसे सूर्य अपने स्थान पर स्थिर हैं एवं पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है, किंतु ज्योतिष में सुविधा के लिए पृथ्वी को स्थिर मानकर सूर्य को चलायमान माना है। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा365¼
दिन में पूरी करती है। पृथ्वी की जगह सुविधा के लिए सूर्य एक परिक्रमा 365¼ दिन में पूरी करता है, ऐसा माना जाता है। सूर्यएक राशि में एक मास रहता है। प्रतिदिन वह एक अंश चलता हैं। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को सूर्य संक्राति कहते हैं। जैसे मकर संक्राति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मेष संक्राति में सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करते हैं।
चंद्रमाः चंद्रमा सबसे तेज चलने वाला ग्रह है। यह पृथ्वी की एक परिक्रमा करीब 30 दिनों में करता है। राशि को चंद्रमा सवा दो दिन (2-14) में पार करता है।
मंगलः मंगल एक राशि को डेढ़ साल लगते हैं।
बुधः बुध भी सूर्य के समान एक मास में एक राशि को पार करता है। इसे सूर्य की एक परिक्रमा करने में 88 दिन लगते हैं।
गुरूः गुरू एक राशि में करीब 13 महीने रहता है। इसे अपनी परिक्रमा पूरी करने में करीब 13 वर्ष लगते हैं।
शुक्रः शुक्र ग्रह एक राशि में एक मास तक रहता है एवं एक परिक्रमा एक वर्ष में पूर्ण करता है।
शनिः शनि ग्रह सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। इसे एक राशि को पार करने में ढ़ाई वर्ष लगते हैं। इसकी एक परिक्रमा 30 वर्षो में पूर्ण होती है।
राहु-केतुः राहु-केतु हमेशा एक दूसरे से 180 अंश व 6 राशियों के अंतर पर रहते हैं। इन्हें एक राशि को पार करने में 18 महीने (ड़ेञ साल) लगता है। इस प्रकार इन्हें एक परिक्रमा पूर्ण करने में 18 वर्ष लगते हैं।