दिशाहीन पालन-पोषण से बचाव: परिचय अपने बच्चों से– श्री श्री रवि शंकर
चौथा भाग
- कुछ सीमा तक अनुशासन अच्छा है और वह इससे प्रसन्न रहेगें। हमारे एक चाचाजी बहुत सख्त थे। वह हमारे चाकलेट का डिब्बा अपने पास रखते थे और प्रतिदिन गृहकार्य पूरा होने पर एक चाकलेट हमें देते थे। हमें प्रतिदिन अंग्रेजी का समाचार पत्र पढ़ना होता था। उन दिनों अंग्रेजी भाषा का इतना प्रचलन नहीं था, लोग स्थानीय भाषा का ही प्रयोग करते थे। वह अंग्रेजी पढ़ने पर जोर देते थे। यह प्रक्रिया हमारे लिए इतनी दुखदायी होती थी। वह सही उच्चारण पर भी बहुत ध्यान देते थे। हम उनसे इस पर वाद-विवाद भी करते थे। एक बार मैने अंग्रेजी के अक्षर ‘दवू’ के लिए उनसे विवाद किया कि इसमें ‘T’ का उच्चारण क्यों नही होता है। मैं ने विद्रोह किया और मुझे चाकलेट नहीं मिला। उनका साप्ताहिक अवकाश बृहस्पतिवार को होता था। उस दिन हमें कोई आजादी नहीं मिलती था। हमे सारे अक्षर पढ़ने पड़ते थे। कभी कभी मैं कन्नड भाषा में लिख देता था – जैसे उच्चारित करते हैं वैसे ही लिख देता था। अवश्य ही, उस समय हमें अपने अनुशासन प्रिय चाचा जी पर बहुत क्रोध आता था। परन्तु इसमें आशीर्वाद छिपा हुआ था। हमारे ज्यादा चाकलेट सेवन न करने के कारण हमारे दाँत अच्छे थे। और हमारी अंग्रेजी भी धाराप्रवाह हो गई।
अगर आप पीछे मुड़ कर देखें तो पायेंगे कि आपने उन विषयों में अच्छे अंक प्राप्त किये होंगे जिनके अध्यापक सख्त और अनुशासित थे न कि उन विषयों में जिनको पढ़ाने वाले अध्यापक सुस्त थे और पढ़ने पर ज्यादा जोर नहीं देते थे। अवश्य ही हमारे उन चाचा जी को जब अपना पुत्र हुआ तो वह उसको ज्यादा अनुशासित नहीं कर पाये और जैसे ही वह रोता तो वह उसे चाकलेट दे देते थे। परिणामस्वरूप उसके दांत खराब हो गये और उसकी खाने की आदतें भी अच्छी नहीं थी। एक तरह से देखें तो अनुशासन अच्छा है। शुरू में आप इसका विरोध करते हैं, फिर इसकी आदत हो जाती है। परन्तु हर चीज की एक सीमा होती है। यह वैसे ही है जैसे घोड़ा चलाना। लगाम अपने हाथ में रखनी होती है। अगर छोड़ दिया तो आपका नियंत्रण नहीं होगा और कसकर पकड़ा तो वह आगे नहीं बढ़ेगी। तो, इसलिए कभी उसे कसना तो कभी ढीला छोड़ना है। बच्चे के साथ भी इसी तरह का नजरिया अपनाने की आवश्यकता है। अगर आप बच्चे पर किसी दिन बहुत क्रोधित हो जाते है तो बुरा महसूस करने की कोई आवश्यकता नहीं है। बस, दूसरे दिन उन्हें थोड़ा और प्यार कर दीजिये।
to be continued………..
The next part will be published tomorrow…
Leave a Reply