ग्रहों का स्वयं का प्रकाश नही होता है। ग्रह सूर्य से प्रकाश को परावर्तित करते हैं।
आकाश में घुमते खगोलीय पिण्डों को ग्रह कहते हैं। ग्रहों का स्वयं का प्रकाश नही होता है। ग्रह सूर्य से प्रकाश को परावर्तित करते हैं। इस प्रकार सूर्य एक तारा हैं जिसके चारौं तरफ विभिन्न ग्रह चक्कर लगाते हैं। पृथ्वी भी एक ग्रह हैं जो सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है।
ग्रह परिचय
सौर परिवार या सौर जगत में सूर्य सब ग्रहों का केन्द्र है उसके चारों ओर अनेक खगोलीय पिंड घूमते हैं। ये सब पिंड उससे ही प्रकाश और ताप पाते हैं और उन सब पर सूर्य का वही प्रभाव पड़ता है। सूर्य और उसके चारों ओर परिक्रमा करने वाला पिंडो को सौर टक्र, सौर जगत या सौर परिवार कहते हैं।
सूर्य प्रतिदिन आकाश में पूर्व दिशा में उदय होकर संध्या समय पश्चिम में अस्त होता दिखाई देता है, ऐसा लगता है मानो सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है लेकिन वास्तव में सूर्य स्थिर है। पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है इस कारण पृथ्वी वासियों को सूर्य भ्रमण करता हुआ दिखता है। ज्योतिष शास्त्र में गणित की सुविधा हेतु पृथ्वी को स्थिर मानकर सूर्य को चलित माना गया है। जबकि सूर्य स्थिर है। पृथ्वी के स्थान पर सूर्य को ग्रह मानकर जो सूर्य की गणनाएं की जाती हैं वह सब पृथ्वी की हैं।
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