25
Jun
आज हम किस विषय पर बातें करें?
जिस विषय पर तुम कुछ भी नहीं जानते, उस विषय पर कुछ कहने से क्या लाभ? जो तुम जानते हो उसके बारे में बात करने की आवश्यकता नहीं और जो तुम नहीं जानते हो, उसके बारे में भी कुछ कहने की ज़रुरत नहीं!... read more
18
Dec
Hare Krishna to all..Please accept my humble obeisance.
Discussing questions related to Hare Krishna Devotee & non-Devotees for TUSLI MALA by Karmic Coach.. Before wearing Tulsi mala, she should be offered to Lord Krishna then Tulasi mala can be taken as prasadam. You can wear it directly. For long life, dip the kanthi... read more
06
Apr
जीवन के मूल सूत्र क्या हैं? ये हैं- जागरूकता, अपनापन और वचनबद्धता। किसी भी क्षेत्र में प्रगति के लिए इन तीनों की अत्यंत आवश्यकता है। आज हमे व्यापार और उद्योग में इनकी अत्याधिक आवश्यकता है। हम इन्हें समझें, बाह्यतम या सार्वभौमिक से आरम्भ करके, वैयक्तिक या व्यक्ति के भीतर... read more
18
Jun
सूर्य ग्रहण एक तरह का ग्रहण है जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है तथा पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा आच्छादित होता है।
भौतिक विज्ञान की दृष्टि से जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय... read more
12
Aug
दूसरा भाग
हम अक्सर बच्चों में बाँटने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित नहीं करते हैं। जो भी उन्हें देते हैं, उन्हें उन तक ही सीमित रखने को कहते हैं। एक सीमा के बाद ऐसा करने से उनका दम घुटने लगता है। उनकी चीजों पर अपना पकड़-बनाये रखने की आदत हो जाती... read more
09
Feb
हिरण्यगर्भ शब्द भारतीय विचारधारा में सृष्टि का आरंभिक स्रोत माना जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ है – प्रदीप्त गर्भ (या अंडा या उत्पत्ति-स्थान)। इस शब्द का प्रथमतः उल्लेख ऋग्वेद में हुआ है।
हिरण्यगर्भ: समवर्तताग्रे भूतस्य जात: पतिरेक आसीत्।
स दाधार पृथिवीं द्यामुतेमां कस्मै देवाय हविषा विधेम॥ — सूक्त ऋग्वेद -10-121-1
श्लोक का... read more
27
Mar
देवी माँ के तृतीय ईश्वरीय स्वरुप का नाम माँ चन्द्रघण्टा है।
Q. चन्द्रघण्टा शब्द का क्या अर्थ है?
A.चन्द्रमा हमारे मन का प्रतीक है। मन का अपना ही उतार चढ़ाव लगा रहता है। प्राय:, हम अपने मन से ही उलझते रहते हैं – सभी नकारात्मक विचार हमारे मन में आते हैं,... read more
21
Jan
वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
आपका एक दांत टूटा हुआ है तथा आप की काया विशाल है और आपकी आभा करोड़ सूर्यों के समान है। मेरे कार्यों में आने वाली बाधाओं को सर्वदा दूर करें।
हिंदी अर्थ:- हे हाथी के जैसे विशालकाय, जिनका तेज सूर्य की सहस्त्र... read more
03
Mar
कलभैरवाष्टकम् (= काल भैरव अष्टक) आदि शंकराचार्य द्वारा संस्कृत भाषा में संपादित एक अष्टक (आठ श्लोकों का समूह) है। इस अष्टक में कालभैरव के गुणों का वर्णन एवं स्तुति की गयी है।
स्तोत्र
ॐ देवराजसेव्यमानपावनाङ्घ्रिपङ्कजं
व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ १॥
भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं
नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम ।
कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं
काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥२॥
शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं
श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम ।
भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं
काशिका... read more
27
Jan
बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। आज ही के दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ होता है।
बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। आज ही के दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ... read more
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