*आप कौन हैं: ब्रह्मा, विष्णु, महेश या गुरु?*:- श्री श्री रवि शंकर
तीन शक्तियां हैं – ब्रह्म शक्ति, विष्णु शक्ति, शिव शक्ति। आप में कोई भी एक शक्ति अधिक प्रबल हो सकती है। ब्रह्म शक्ति वह है जो नव-निर्माण करती है। विष्णु शक्ति पालन करती है और शिव शक्ति परिवर्तन लाती है – नया जीवन देकर आया संहार कर।
कुछ लोगों में ब्रह्म शक्ति प्रबल है। वे नव-सृष्टि तो कर सकते हैं पर, हो सकता है उसे सुरक्षित न रख सकें। उदाहरण के लिए, तुम नये मित्र बहुत जल्दी बना लेते हो, पर वह मित्रता अधिक समय तक नहीं रहती।
कुछ और लोग हैं जो नव-निर्माण नहीं कर सकते, पर जो कुछ भी है, उसे अच्छी तरह संभाल कर रख सकते हैं। उदाहरण के लिए, वे नये मित्र नहीं बना पाते, परन्तु पुरानी मित्रता बहुत अच्छी तरह निभाते हैं। इनमें विष्णु शक्ति प्रबल है।
फिर कुछ ऐसे भी व्यक्ति हैं जिनमें शिव शक्ति प्रबल है | वे नव सृष्टि करते हैं या परिवर्तन लाते हैं – या फिर बनी -बनाई स्थिति का संहार कर सकते हैं।
गुरु शक्ति में ये तीनों शक्तियां पूर्ण रूप से प्रफुल्लित हैं। इसलिए, तुम पहले यह पहचानो कि तुममें कौन सी शक्ति प्रबल है और गुरु शक्ति की आकांक्षा करो, प्रार्थना करो।
गुरु एक संघ बनाता है पर एक संघ गुरु नहीं बना सकता।
जय गुरुदेव
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