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अभिभावकों की भूमिका: परिचय अपने बच्चों से– श्री श्री रवि शंकर

Post Date: August 3, 2020

अभिभावकों की भूमिका: परिचय अपने बच्चों से– श्री श्री रवि शंकर

आठवाँ भाग

12. विज्ञान और कला

छात्रों को विज्ञान और कला दोनों का अध्ययन करना चाहिए। अगर किसी छात्र को कला में ज्यादा रूचि है तो उसे विज्ञान में भी थोडी दिलचस्पी दिखानी चाहिए। ऐसे ही जिनका मन विज्ञान में ज्यादा लगता हो उन्हें कला, संगीत, चित्रकारी, मूर्तिकला आदि के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए। ऐसा करना कठिन होता है क्योंकि उनमें कलात्मक रूचि नहीं होती है। अक्सर लड़कों को लड़कियों की अपेक्षा इस क्षेत्र के लिए ज्यादा प्रोत्याहित करना चाहिए क्योंकि स्वभाव से ही लड़कियों में कला के प्रति रूझान होता है।

छात्रों को ऐसी परियोजनाओं में लगाना चाहिए जिनमें वह योगदान दे सकें।

13 .सावधानियाँ

अगर विद्यार्थी अपना ध्यान अध्ययन में नहीं लगा पा रहे हैं तो निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए-

  1. आहार – उन्हे संतुलित आहार देना चाहिए। उससे बड़ा अन्तर आता है।
  2. शारीरिक व्यायाम – यह अति आवश्यक है। शारीरिक व्यायाम से शरीर में रक्त संचार ठीक से होता है। जब बच्चों के शरीर में आलस्य होता है तो साथ ही साथ योग, प्राणायाम और ध्यान भी करना चाहिए। उन्हें गायन में भी भाग लेना चाहिए। इससे उनके सीखने और याद रखने की क्षमता बढ़ेगी। उनका अध्ययन में मन लगेगा और वह थोड़े समय में ज्यादा ग्रहण कर पायेंगे।

 

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